तीन महीने के लिए हम अपने मन का ध्यान रखना शुरू कर देते है, देखने के लिए इसका असर रिश्तो पर पड़ता है, हमें चेक करना पड़ेगा,बाहर वाली चेकिंग तो हमने सारी करली, हमने इतना कुछ किया उनके लिए फिर भी हमारा रिश्ता हिल जाता है, एक चेकिंग और कर लेते है, थोड़ा कुछ कर लेते है अपने लिए,देखते है उसका असर हमारे रिश्तों पर पड़ता है l
लोगो के साथ रिश्ता अच्छा करने के लिए, अपनी बैटरी को चार्ज करना जरुरी हैl ये आत्मा रूपी बैटरी खुद को खुद चार्ज करे, इसमें तो बहुत समय लग जायेगा,बैटरी जल्दी और पूरी चार्ज हो, इसका सबसे आसान तरीका, पॉवर हाउस से बैटरी चार्ज करना कई बार हम कहते है, जरुरी है क्या, भगवान को याद करना, कुछ लोग कहते है, क्या भगवान के बिना हम अध्यात्मिक नही हो सकते है, वो भगवान पर विश्वास नही रखते l भगवान् पर विश्वास तब करेगा, जब उनका अनुभव करेगा l भगवान से जुड़ना जरुरी है l
किसी भी रिश्ते में विश्वास तब होता है, जब हमने उस रिश्ते को अनुभव किया होता है l जब हमने परमात्मा के साथ का, प्यार का अनुभव नहीं किया होता, तो हमे लगता है,हमें उनके साथ क्या रिश्ता जोड़ना l वो एक ऐसा रिश्ता है, जिसमे हमारा देना नही, परमात्मा से लेना होता हैlपरमात्मा की शक्तियां, परमात्मा का प्यार, आनंद, हमें मिलेगाlपरमात्मा सर्व्शाक्तिवान, प्यार का सागर है, कभी प्यार चाहिए, तो लेना है, तो परमात्मा से लेना है, कोई आत्मा में शक्ति नही, तो वो कैसे देगा l जब आत्मा की बैटरी परमात्मा से चार्ज होने लगती है, उतना हमारा लोगो से चाहिए खत्म होने लगता है l बैटरी चार्ज होने लग गई, उतने रिश्ते बदलने शुरू हो जायेंगे l
जो हमारा संस्कार होते है, दुसरो की कमियां देखने का, वो खत्म हो जायेगा l आपको बदलने की जरुरत है, ये रिजेक्शन की एनर्जी है l आप बहुत अच्छे है, बहुत पवित्र है,कोई परिवर्तन करना है, हमें उनको ब्लेस्सिंग्स की एनर्जी भेजनी है l
आप हमेशा सच बोलते हैlकिसी को हम बोलते है आप हर बात में आप झूठ बोलते है, इससे उस आत्मा का झूठ का संस्कार पक्का होता जायेगाl हर बात में कोई झूठ बोल नही सकता है, लेकिन उस आत्मा का ईमानदारी का भी संस्कार है l जब हम परेशान होते है, तो हम दूसरे की कमी देखते है,जब हम स्थिर होते है, तब हम दूसरे की विशेषताएं देखते हैlहमें ध्यान देना है, हम दूसरे के लिए कैसा संकल्प बना रहे हैlदूसरे को ब्लेस्सिंग्स की एनर्जी भेजनी है l
परमात्मा हमारा माता-पिता, शिक्षक, सद्गुरु है, उसकी शक्ति हमें कब मिलती है, जब हम उसकी शक्ति लेते है, जब हम उसकी शक्ति अपने अंदर भरते है l पहले हमें अपने को परमात्मा से चार्ज करना है, ताकि हम दूसरो को भी शक्ति दे सके l