Murli ka Saar dated 14-12-2021

”मीठे बच्चे – तुम अभी सच्चे-सच्चे सतसंग में बैठे हो, तुम्हें सचखण्ड में जाने का मार्ग सत्य बाप बतला रहे हैं”

प्रश्न:- किस निश्चय के आधार पर पावन बनने की ताकत स्वत: आती है?

उत्तर:- यदि निश्चय हो कि इस मृत्युलोक में अब हमारा यह अन्तिम जन्म है। इस पतित दुनिया का विनाश होना है। बाप की श्रीमत है पावन बनो तो पावन दुनिया के मालिक बनेंगे। इस बात के निश्चय से पावन बनने की ताकत स्वत: आती है।

गीत:- आखिर वह दिन आया आज…

 

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) हड्डी (जिगरी) सुख का अनुभव करने के लिए बाप जो पढ़ाते हैं, उसे बुद्धि में धारण करना है। विचार सागर मंथन करना है।

2) इस कब्रिस्तान को देखते भी नहीं देखना है। हियर नो ईविल, सी नो ईविल…। नई दुनिया के लायक बनना है।

वरदान:- कम्बाइन्ड रूप की सेवा द्वारा आत्माओं को समीप सम्बन्ध में लाने वाले कम्बाइन्ड रूपधारी भव

सिर्फ आवाज द्वारा सेवा करने से प्रजा बनती जा रही है लेकिन आवाज से परे स्थिति में स्थित हो फिर आवाज में आओ, अव्यक्त स्थिति और फिर आवाज-ऐसे कम्बाइन्ड रूप की सेवा वारिस बनायेगी। आवाज द्वारा प्रभावित हुई आत्मायें अनेक आवाज सुनने से आवागमन में आ जाती हैं लेकिन कम्बाइन्ड रूपधारी बन कम्बाइन्ड रूप की सेवा करो तो उन पर किसी भी रूप का प्रभाव पड़ नहीं सकता।

स्लोगन:- साधनों में बेहद के वैराग्यवृत्ति की साधना मर्ज होने न दो।

To Watch,Murli Saar: https://youtu.be/MI22OliYyWs