Murli Ka Saar dated 07-01-2022

”मीठे बच्चे – सर्वशक्तिमान् बाप की याद से आत्मा पर चढ़ी हुई विकारों की

जंक को उतारने का पुरूषार्थ करो”

प्रश्न:- बाप से बुद्धियोग टूटने का मुख्य कारण वा जोड़ने का सहज पुरुषार्थ क्या है?

उत्तर:- बुद्धियोग टूटता है देह-अभिमान में आने से, बाप के फरमान को भूलने से, गन्दी दृष्टि रखने से इसलिए बाबा कहते बच्चे जितना हो सके आज्ञाकारी बनो। देही-अभिमानी बनने का पूरा-पूरा पुरूषार्थ करो।अविनाशी सर्जन की याद से आत्मा को शुद्ध बनाओ।

गीत:- आने वाले कल की तुम…

 

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) बाप की आशीर्वाद लेने के लिए आज्ञाकारी बनना है। देही-अभिमानी बनने का फरमान पालन करना है।

2) माया चूही है, इससे अपनी सम्भाल करनी है। लोभ नहीं करना है। श्रीमत पर पूरा-पूरा चलते रहना है।

वरदान:- लाइट बन ज्ञान योग की शक्तियों को प्रयोग में लाने वाले प्रयोगी आत्मा भव

ज्ञानी-योगी आत्मा तो बने हो अभी ज्ञान, योग की शक्ति को प्रयोग में लाने वाले प्रयोगी आत्मा बनो। जैसे साइन्स के साधनों का प्रयोग लाइट द्वारा होता है। ऐसे साइलेन्स की शक्ति का आधार भी लाइट है। अविनाशी परमात्म लाइट, आत्मिक लाइट और साथ-साथ प्रैक्टिकल स्थिति भी लाइट। तो जब कोई प्रयोग करना चाहते हो तो चेक करो लाइट हैं या नहीं? अगर स्थिति और स्वरूप डबल लाइट है तो प्रयोग की सफलता सहज होगी।

स्लोगन:- जीवनमुक्त अवस्था का अनुभव करने के लिए विकल्प और विकर्मो से मुक्त बनो

To Watch,Murli Saar: https://youtu.be/zh7_jG2WQFA