”मीठे बच्चे – ज्ञान रत्नों को धारण कर रूहानी हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी खोलते जाओ,
जिससे सबको हेल्थ वेल्थ मिले”
प्रश्न – बाप का कौन सा कर्तव्य कोई भी मनुष्य आत्मा नहीं कर सकती है?
उत्तर:- आत्मा को ज्ञान का इंजेक्शन लगाकर उसे सदा के लिए निरोगी बनाना, यह कर्तव्य कोई भी मनुष्य नहीं कर सकते l जो आत्मा को निर्लेप मानते, वह ज्ञान का इंजेक्शन कैसे लगायेंगे। यह कर्तव्य एक अविनाशी सर्जन का ही है जो ऐसी ज्ञान-योग की दवाई देते हैं जिससे आधाकल्प के लिए आत्मा आरै शरीर दोनों ही हेल्दी-वेल्दी बन जाते हैl
गीत:- यह वक्त जा रहा है
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बाप के समीप आने के लिए रूहानी यात्रा पर रहना है। रात को जागकर भी यह बुद्धि की यात्रा जरूर करनी है।
2) सच्चे-सच्चे ब्राह्मण बन 21 कुल का उद्धार करना है। स्वदर्शन चक्रधारी बनना है। काल पर विजय पाने के लिए इस पुरानी खाल से ममत्व निकाल देना है।
वरदान:- रूहानियत द्वारा वृत्ति, दृाष्टि , बोल आरै कर्म को रायल बनाने वाले ब्रह्मा बाप समान भव
ब्रह्मा बाप के बोल, चाल, चेहरे और चलन में जो रॉयल्टी देखी – उसमें फालो करो।जैसे ब्रह्मा बाप ने कभी छोटी-छोटी बातों में अपनी बुद्धि वा समय नहीं दिया। उनके मुख से कभी साधारण बोल नहीं निकले,हर बोल युक्तियुक्त अर्थात व्यर्थ भाव से परे अव्यक्त भाव और भावना वाले रहे।उनकी वृति हर आत्मा प्रति सदा शुभ भावना, शुभ कामना वाली रही, दृष्टि से सबको फरिश्ते रूप में देखा। कर्म से सदा सुख दिया और सुख लिया। ऐसे फालों करो तब कहेंगे ब्रह्मा बाप समान।
स्लोगन:- मेहनत के बजाए मुहब्बत के झूले में झूलना ही श्रष्ठे भाग्यवान की निशानी हैl
To Watch Murli Saar: https://youtu.be/F26D5wDO8bU