Murli Ka Saar dated 09-01-2022

त्रिदेव रचियता द्वारा  वरदानों की  प्राप्ति

वरदान:- चलन आरै चेहरे द्वारा पुरूषोत्तम स्थिति का साक्षात्कार कराने वाले ब्रह्मा बाप समान भव

जैसे ब्रह्मा बाप साधारण तन में होते भी सदा पुरूषोत्तम अनुभव होते थे। साधारण में पुरूषोत्तम की झलक देखी, ऐसे फालो फादर करो। कर्म भल साधारण हो लेकिन स्थिति महान हो। चेहरे पर श्रष्ठे जीवन का प्रभाव हो। जैसे लौकिक रीति में कई बच्चों की चलन और चेहरा बाप समान होता है, यहाँ चेहरे की बात नहीं लो लेकिन चलन ही चित्र हैl हर चलन से बाप का अनुभव हो, ब्रह्मा बाप समान पुरूषोत्तम स्थिति हो-तब कहेंगे बाप समान।

स्लोगन:- जो एकरस स्थिति के श्रष्ठे आसन पर स्थित रहता है वही सच्चा तपस्वी है।

To Watch,Murli Saar: https://youtu.be/EEbRATpgCYc