Murli Ka Saar dated 10-01-2022

”मीठे बच्चे – श्रीमत पर तुम्हें सबकी रूहानी खातिरी करनी है, खुशी की खुराक खाना और खिलाना यही है सच्ची खातिरी करना”

प्रश्न:- ज्ञान में स्प्रीच्युलिटी का जौहर भरने की विधि क्या है, उससे कौन-कौन से फायदे होंगे?

उत्तर:- जब किसी को भी ज्ञान सुनाते हो तो आत्मा समझकर आत्मा को ज्ञान दो, इससे स्प्रीचुअल्टी का जौहर भर जायेगा। इस नई आदत से किसी को भी ज्ञान सुनायेंगे तो उसे झट तीर लग जायेगा। शरीर का भान भी खत्म होता जायेगा। फिर माया के तूफान वा बुरे संकल्प भी नहीं आयेंगे। क्रिमिनल आई भी नहीं रहेगी।

धारणा के लिए मुख्य सार:-

1) ज्ञान के तीसरे नेत्र से आत्मा को देखने का अभ्यास करना है। कोशिश करनी है सदैव आत्मा को ही देखें, शरीर को नहीं तो क्रिमिनल ख्याल नहीं आयेंगे। बुरे संकल्प खत्म हो जायेंगे।

2) ताली दो हाथ से बजती है इसलिए जब तुम्हें कोई उल्टी-सुल्टी बात बोले तो तुम चुप रहो। अगर तुम चुप रहेंगे तो दूसरा आपेही चुप हो जायेगा।

वरदान:- ब्रह्मा बाप के प्यार का प्रैक्टिकल सबूत देने वाले सपूत और समान भव

यदि कहते हो कि ब्रह्मा बाप से हमारा बहुत प्यार है तो प्यार की निशानी है जिससे बाप का प्यार रहा उससे प्यार हो। जो भी कर्म करो, कर्म के पहले, बोल के पहले, संकल्प के पहले चेक करो कि यह ब्रह्मा बाप को प्रिय है? ब्रह्मा बाप की विशेषता विशेष यही रही-जो सोचा वह किया, जो कहा वह किया। आपोजीशन होते भी सदा अपनी पोजीशन पर सेट रहे, तो प्यार का प्रैक्टिकल सबूत देना अर्थात् फालो फादर कर सपूत और समान बनना।

स्लोगन:- खुशनसीब आत्मा वह है जिसके संकल्प में भी दु:ख की लहर नहीं आती।

To Watch Murli Saar : https://youtu.be/bNEkdEfymxo