”मीठे बच्चे – ज्ञान की बुल-बुल बनकर आप समान बनाने की सेवा करो, अपनी दिल से पूछो मेरी याद की यात्रा “ठीक है”
प्रश्न:- किस विशेष पुरूषार्थ से बेगर टू प्रिन्स बन सकते हो?
उत्तर:- बेगर टू प्रिन्स बनने के लिए बुद्धि की लाइन क्लीयर हो। एक बाप के सिवाए और कोई भी याद न आये। यह शरीर भी मेरा नहीं। ऐसा जीते जी मरने का पुरूषार्थ करने वाले ही बेगर हैं, उनकी ही वानप्रस्थ अवस्था है क्योंकि बुद्धि में रहता अब तो बाप के साथ घर जाना है फिर सुखधाम में आना है।
धारणा के लिए मुख्य सार:-
1) बाप की याद में रह सदा हर्षित रहना है। कभी मुरझाना नहीं है। बीमारी में भी मुरली जरूर सुननी व पढ़नी है।
2) पढ़ाई से कदम-कदम में पदम जमा करने हैं और संग तोड़ एक बाप से जोड़ना है।
वरदान:- सदा हर संकल्प और कर्म में ब्रह्मा बाप को फालो करने वाले समीप और समान भव
जैसे ब्रह्मा बाप ने दृढ़ संकल्प से हर कार्य में सफलता प्राप्त की, एक बाप दूसरा न कोई-यह प्रैक्टिकल में कर्म करके दिखाया। कभी दिलशिकस्त नहीं बनें, सदा नथिंगन्यु के पाठ से विजयी रहे, हिमालय जैसी बड़ी बात को भी पहाड़ से रूई बनाए रास्ता निकाला, कभी घबराये नहीं, ऐसे सदा बड़ी दिल रखो,दिलखुश रहो। हर कदम में ब्रह्मा बाप को फालो करो तो समीप और समान बन जायेंगे।
स्लोगन:- अतीन्द्रिय सुख का अनुभव करना है तो गोपी वल्लभ की सच्ची-सच्ची गोपिका बनो।
To Watch Murli Saar: https://youtu.be/rqgnP9WtrKk