योगयुक्त,युक्तियुक्त बनने की युक्ति
वरदान:- अपने मस्तक द्वारा तीसरे नेत्र का साक्षात्कार कराने वाले सच्चे योगी भव
यादगार में योगी के मस्तक पर तीसरा नेत्र दिखाते हैं। आप सच्चे योगी बच्चे भी अपने मस्तक द्वारा तीसरे नेत्र का साक्षात्कार कराने के लिए सदा बुद्धि द्वारा एक बाप के संग में रहो। एक बाप दूसरे हम,तीसरा न कोई, जब ऐसी स्थिति होगी तब तीसरे नेत्र का साक्षात्कार होगा। अगर बुद्धि में कोई तीसरा आ गया तो फिर तीसरा नेत्र बन्द हो जायेगा, इसलिए सदैव तीसरा नेत्र खुला रहे-इसके लिए याद रखना कि तीसरा न कोई।
स्लोगन:- प्रश्नचित बनना अर्थात् परेशान होना और परेशान करना।
To Watch Murli Saar, Click here https://youtu.be/1VERGFMf0XM