Murli Ka Saar dated 21-12-2021

”मीठे बच्चे – तुम्हारा चेहरा सदा खुशनुम: हो, बोल में हिम्मत और स्प्रिट हो, तो तुम्हारी बात का प्रभाव पड़ेगा”

प्रश्न:- कौन सी ड्युटी व कर्तव्य बाप का है, जो कोई भी मनुष्य नहीं कर सकता? उत्तर:- विश्व में शान्ति स्थापन करना वा पतित सृष्टि को पावन बनाना, यह ड्युटी बाप की है। कोई भी मनुष्य विश्व में पीस कर नहीं सकते। भल कांफ्रेंस आदि करते हैं, पीस प्राइज देते हैं लेकिन पीस स्थापन तब हो जब पहले प्यूरिटी में रहे।प्यूरिटी से ही पीस और प्रासपर्टी मिलती है। बाप आकर ऐसी पवित्र दुनिया स्थापन करते हैं, जहाँ पीस होगी। गीत:- तुम्हीं हो माता पिता… धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) याद शिवबाबा को करना है, फालो ब्रह्मा बाबा को करना है। ब्रह्मा बाप के समान ऊंच पुरूषार्थ करना है। ईश्वरीय नशे में रहना है। 2) तमोप्रधान से सतोप्रधान बनना है, बाकी किसी बात की परवाह नहीं करनी है। कदम-कदम श्रीमत पर चलना है।

वरदान:- संगमयुग पर अतीन्द्रिय सुख का अनुभव करने वाले डबल प्राप्ति के अधिकारी भव जो बच्चे संगमयुग पर अतीन्द्रिय सुख का अनुभव कर लेते हैं उन्हें सदा शान्ति और खुशी की डबल प्राप्ति का नशा रहता है क्योंकि अतीन्द्रिय सुख में यह दोनों प्राप्तियां समाई हुई हैं। अभी आप बच्चों को जो बाप और वर्से की प्राप्ति है यह सारे कल्प में नहीं हो सकती। इस समय की प्राप्ति अतीन्द्रिय सुख और नालेज भी फिर कभी नहीं मिल सकती। तो इस डबल प्राप्ति के अधिकारी बनो।

स्लोगन:- एक दो के संस्कारों को जानते हुए उनसे मिलकर चलना – यही उन्नति का साधन है।

To Watch Murli Saar:https://youtu.be/jFBGvZe4mV8