Murli Ka Saar dated 22-12-2021

”मीठे बच्चे – बाप आये हैं तुम्हें भक्ति का फल देने, भक्ति का फल है ज्ञान, ज्ञान से ही सद्गति होती है” प्रश्न:- इस ब्राह्मण कुल में बड़ा किसको कहेंगे? उनकी निशानी सुनाओ?

उत्तर:- ब्राह्मण कुल में बड़े से बड़े वह हैं जो अच्छी सर्विस करने वाले हैं। जिन्हें सदैव अपनी उन्नति का ही ओना (ख्याल) रहता है, जो पढ़ाई कर बहुत तीखे जाते हैं। ऐसे महावीर बच्चे अपना तन-मन-धन सब ईश्वरीय सेवा में ही सफल करते हैं। अपनी चलन पर बहुत ध्यान देते हैं। गीत:- तूने रात गवाई सोके… धारणा के लिए मुख्य सार:- 1) स्वयं को सर्विस के लायक बनाना है। जो अच्छी सर्विस करते हैं उनका पूरा-पूरा रिगार्ड रखना है। अपनी उन्नति का ख्याल करना है। 2) तन-मन-धन से पूरी सेवा करनी है। श्रीमत पर चलना है, गफलत नहीं करनी है।

वरदान:- मास्टर आलमाइटी अथारिटी की सीट पर सेट रहने वाले सहज और सदा के कर्मयोगी भव जैसे किसी मशीनरी को सेट किया जाता है तो एक बार सेट करने से फिर आटोमेटिकली चलती रहती है, इसी रीति से मास्टर आलमाइटी अथारिटी की स्टेज पर स्वयं को एक बार सेट कर दो तो कभी कमजोरी के शब्द नहीं निकलेंगे। हर संकल्प, शब्द वा कर्म उसी सेटिंग प्रमाण आटोमेटिक चलते रहेंगे। यही सेटिंग सहज और सदा के लिए कर्मयोगी, निरन्तर निर्विकल्प समाधि में रहने वाला सहजयोगी बना देगी।

स्लोगन:- मैं के बजाए बाबा-बाबा कहना-यही याद का प्रूफ है।

 

To Watch Murli Saar:

https://youtu.be/P0yrFZSV4vA